हिंदी भाषा शिक्षण में मेरे अनुभव

एक हिंदी शिक्षक के रूप में अब तक मैंने अपने अनुभव के द्वारा हिंदी विषय को सरल और प्रभावी रूप में पढ़ाने के लिए जो भी सीखा वह मैं आप सबके साथ साझा करना चाहती हूँ। 

कहानी को अच्छी तरह से समझाने के लिए वर्ली कला की सरल आकृतियों का उपयोग करके कहानी के पात्रों और घटनाओं को चित्रित किया जा सकता है और एक अवधारणा-मानचित्र बनाकर उन्हें समझाया जा सकता है।

कविता को भी प्रभावी ढंग से समझाने के लिए सरल रूप में उसका गायन भी किया जा सकता है। इसके साथ-साथ अगर किसी कविता में गाँव के बारे में है तो गाँव, पेड़, जानवर या मनुष्य को सरल आकृतियों के द्वारा बनाया जा सकता है अथवा ऐसा गीत है जिसे चित्रित करके समझाया जा सकता है तो उसे भी सरल आकृतियों के द्वारा बनाया जा सकता है। ऐसा करने से कविता को और अधिक जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है। बच्चों को भी कहानी या कविता के भावों को समझने में आसानी होगी और वे भाषा को पढ़ने और समझने में अपनी रुचि दिखाएँगे। 

मुहावरे और लोकोक्तियाँ समझाते समय भी हम उन्हें चित्रों के माध्यम से समझा सकते हैं जैसे ‘एकता में बल है’ मुहावरे के लिए सरल आकृतियों के द्वारा कई लोग मिलकर एक साथ काम करते हुए दिखा सकते हैं जिससे छात्रों को यह मुहावरा चित्रों के द्वारा समझ में आ जाएगा।

व्याकरण से संबंधित विषय जैसे संज्ञा (व्यक्ति, वस्तु), सर्वनाम (वह, यह), और क्रिया(चलना, दौड़ना) आदि को सरल आकृतियों के द्वारा चित्रित कर और अवधारणा मानचित्र के द्वारा उस विषय का संक्षेप में सार बनाकर बच्चों से भी बनवाया जा सकता है। इससे बच्चों को इन व्याकरणिक श्रेणियों को समझने में मदद मिलती है।

अनुच्छेद लेखन और रचनात्मक लेखन के लिए चित्रों का उपयोग करके एक दृश्य तैयार कर सकते हैं और बच्चों से उस दृश्य के आधार पर एक अनुच्छेद या कहानी लिखने को कह सकते हैं। इससे बच्चों में रचनात्मकता और लेखन कौशल विकसित होगा।

छोटे बच्चों के लिए हिंदी वर्णमाला और शब्दों को सिखाने में सरल आकृतियों का उपयोग किया जा सकता है। जैसे आ” से “आम” को सरल आकृति द्वारा बनाकर दिखाया जा सकता है, जिससे बच्चों को वर्णमाला और संबंधित शब्दों को याद करने में आसानी होगी।

समूह चर्चा और संवाद लेखन के लिए भी कला का उपयोग करके संवाद या बातचीत के दृश्य तैयार किए जा सकते हैं। इससे बच्चों को संवाद लेखन और वार्तालाप के कौशल को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

हिंदी शिक्षण में कला के माध्यम से भाषा को प्रभावी ढंग से छात्रों को पढ़ा सकते हैं, वे विषय को आसानी से समझ सकते हैं, उनकी रुचि और सहभागिता बढ़ती है, वे सीखने में अधिक ध्यान देते हैं, और शिक्षक भी हिंदी विषय के विभिन्न पहलुओं को सरल, आकर्षक और प्रभावी ढंग से समझा सकते हैं।

 

Ms Mandavi

NPS-ITPL

Hindi Faculty